Shiv Ashok Sharma
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रावण के नाना सुमाली की इंद्र के विरुध्द युद्ध में मृत्यु हुई, लेकिन मेघनाद ने ऐन वक्त पर आकर हारती बाजी पलटा दी. मेघनाद ने देवताओं के राजा इंद्र को बंदी बनाकर लंका में ले आया. ब्रह्मा ने मेघनाद को इन्द्रजीत की उपाधि दी. अयोध्या के महाराज अपने पुत्र राम से विशेष स्नेह रखते थे, जब महर्षि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को अपने यज्ञ की रक्षा के लिए माँगा तब पुत्रवियोग की कल्पना से महाराज दशरथ बेहोश हो गिर पड़े.
© 2021 Storytel Original IN (Audiobook): 9789353819767
Release date
Audiobook: 18 January 2021
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