Arthala | अर्थला Vivek Kumar
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संजय को स्टूडेंट यूनियन का इलेक्शन जीतना है और रफ़ीक़ को उज़्मा का दिल। झुन्नू भइया के आशीर्वाद बिना कोई प्रत्याशी पिछले दस सालों से चुनाव नहीं जीता और झुन्नू भइया का आशीर्वाद संजय के साथ नहीं है। शहर की खोजी निगाहों के बीच ही रफ़ीक़ को उज़्मा से मिलना है और शहर प्रेमियों पर मेहरबान नहीं है। डॉक साब कौन हैं जो कहते हैं कि संजय मरहट्टा है और इस मरहट्टे का जन्म राज करने को नहीं राजनीति करने को हुआ है? शहर बलिया, जो देने पर आए तो तीनों लोक दान कर देता है और लेने पर उतारू हो तो... हँसते-हँसते रो देना चाहते हों तो सुनिए—बाग़ी बलिया...
Release date
Audiobook: 23 October 2020
English
India