Mrityunjay (Hi) Shivaji Sawant
Step into an infinite world of stories
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Fantasy & SciFi
बड़ा विचित्र है यह। भीतरी सत्य को कोई नही समझ पाता, सब बाहरी बनावट पर रीझते हैं। यह भेद कहाँ तक किसी को समझाते फिरेंगे, फिर कौन समझ सकता है? इसलिए हम जैसे दिखाई दे रहे हैं, वैसे ही क्यों न समझे जायें। -गोविन्दवल्लभ पन्त
© 2019 Prabhakar Prakshan (Ebook): 9789390605095
Release date
Ebook: 15 June 2019
English
India