Step into an infinite world of stories
3.4
Lyric Poetry & Drama
फै़ज़ अहमद फ़ैज़ उर्दू शायरी के एक ऐसे अजीमुश्शान शायर हैं जिन्होंने अपनी शायरी को अपने लहू की आग में तपाकर अवाम के दिलो-दिमाग़ तक ले गए और कुछ ऐसे अन्दाज़ में कि वह दुनिया के तमाम मजलूमों की आवाज़ बन गई। उनकी शायरी की ख़ास पहचान है - रोमानी तेवर में खालिस इंक़लाबी बात! यही कारण है कि ग़ालिब और इक़बाल के बाद जितनी शोहरत फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ को मिली उतनी शायद किसी अन्य शायर को नहीं। फ़ैज़ मूलतः पाकिस्तान के थे किन्तु प्रगतिशील जीवन-दृष्टि के कारण उन्होंने देश की सीमा ही नहीं, भाषा, जाति और धर्म की भी मानवता के आगे कभी परवाह नहीं की। वे भारत में वैसे ही पसन्द किए जाते थे जैसे कि पाकिस्तान में उनकी शायरी मानवीयता, सामाजिकता और राजनीतिक सच्चाइयों का पर्याय है। ‘सारे सुख़न हमारे’ उनकी बेहतरीन शायरी का उर्दू से हिन्दी में किया गया अनुवाद है। इसमें फ़ैज़ की तमाम ग़ज़लों, नज़्मों, गीतों और क़तआत को पहली बार हिन्दी में संकलित किया गया है। इसमें उनका आख़िरी कलाम भी शामिल किया गया है। फ़ैज़ की शायरी की पहचान बस इतनी सी है कि फूलों के रंगो-बू से सराबोर शायरी से अगर आँच भी आ रही हो तो समझिए कि वो फ़ैज़ की शायरी है, फ़ैज़ की ही शायरी है।
Release date
Audiobook: 3 March 2018
Tags
English
India